Meri kavitayen
Monday, 23 December 2013
उकसाए पलोँ की मंद मंद बौछारेँ , सुनहरी सी हर बूँद , धरती से टकराकर , अविश्वसनीय इंद्रधनुष के रंगोँ मेँ बँटती हो जैसे । ------ निशा चौधरी ।
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