Meri kavitayen

Wednesday, 29 January 2014

तुम सिर्फ तस्वीर होते तो
मान लेती तुम्हारी बात
पर क्या करुँ
ज़िँदा इन्सान हो
क्या पता
कब मुकर जाओ.....

॰॰॰॰ निशा चौधरी ।
Posted by Unknown at 02:21
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